फरीदाबाद, 15 Dec I जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास तीन ऐसे ही पैरामेडिकल कर्मी हैं, जिनकी सभी तारीफ करते हैं। लैब टेक्नीशियन सतपाल और सुनील अत्री के अलावा वॉर्ड अटेंडेंट पंकज राजपूत की ड्यूटी भी सैंपल कलेक्शन के काम में लगी हुई है। तीनों नौ महीने से बिना रुके-बिना थके कोरोना जांच के लिए लोगों के सैंपल लेने का काम करते आ रहे हैं। इलाके के लोग इनके इस जज्बे के कायल हुए बिना नहीं रहते। इनके प्रति लोगों का सम्मान दिखता है। कौराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने वाले सुनील अत्री एक अप्रैल से नागरिक अस्पताल की आइडीएसपी लैब में सैंपल ले रहे हैं और अब तक 15 हजार से अधिक सैंपल ले चुके हैं। इनमें से कई लोगों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
वॉर्ड अटेंडेंट का काम करने वाले पंकज राजपूत कहते हैं, कभी नहीं सोचा था कि वैश्विक महामारी में मुझे सैंपल भी लेने होंगे। शुरुआत में तो काफी मुश्किलें आईं। अपनी बेटी से पांच महीने तक दूर रहे थे, लेकिन स्थितियां बदलने के साथ अब घर जाते हैं। इस बीच उनकी बेटी भी बीमार हो गई थी, लेकिन उन्होंने कर्तव्य को प्राथमिकता दी। कहते हैं, भगवान की दया से बेटी सहित सभी स्वजन स्वस्थ हैं। बीच में मेरी तबीयत खराब हुई, लेकिन जल्द ठीक हो गया। पंकज अब बदरपुर बॉर्डर सहित शहर के विभिन्न स्थानों पर सैंपलिंग करते हुए दिखाई देते हैं। कहते हैं, हमारे इस योगदान से राह चलता इंसान भी जांच कराकर खुद को सुरक्षित रख पाने के अहम काम को संपन्न कर राहत महसूस करता है और हमारे प्रति सहानुभूति और सम्मान से देखता है। उसे पता होता है कि हम किस तरह कोरोना से करीबी लड़ाई लड़ने का साहस दिखा रहे हैं। उससे मिला सम्मान हमें मजबूती देता है।
कुछ ऐसी ही कहानी नोएडा के डॉक्टर तृतीय कुमार सक्सेना की है। आशीष धामा की इस विशेष रिपोर्ट में उन्हीं की कहानी है। डॉक्टर ततृीय कुमार सक्सेना गौतमबुद्धनगर के सेक्टर-39 स्थित कोविड अस्पताल में एनेस्थीसिया व क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ हैं। मूलत: बरेली निवासी डॉ. सक्सेना मार्च से इस कोविड अस्पताल में सेवा देते हुए अब तक 175 गंभीर मरीजों की जान बचा चुके हैं। स्वजनों संग समय बिताए उन्हें महीनों बीत चुके हैं। नया जीवन पाने वाले संजीव कुमार कहते हैं, उम्मीद नहीं थी कि मैं जीवित रहूंगा। आइसीयू में बीते 18 दिन जिंदगी के सबसे भयावह दिन रहे हैं। ऑक्सीजन लेवल 85 तक जा गिरा था। इस बीच अगर किसी ने मेरे जीवन की रक्षा की है तो वह सिर्फ डॉ. तृतीय कुमार है। इनकी बदौलत ही आज मैं अपने परिवार के साथ हूं। इन 175 लोगों के अलावा उप्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह, गौतमबुद्धनगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा और क्षेत्रीय विधायक पंकज सिंह भी डॉ. सक्सेना के योगदान को अहम आंकते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ के मित्रों ने कोरोना काल में बहुत सराहनीय कार्य किया है, जो अभी तक जारी है। मैं लैब टेक्नीशियन सतपाल, सुनील अत्री और पंकज राजपूत के जज्बे को प्रणाम करता हूं। न केवल इन्हें बल्कि उन सभी को मेरा प्रणाम है, जो तमाम तरह के जोखिम को नजरअंदाज कर जनसेवा में जुटे हैं। समाज में रहते हुए समाज के लिए अपना बेहतर देने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने का जो बीड़ा उठाया है, अत्यंत सराहनीय है। यह मुहिम कोरोना योद्धाओं में नए जोश का संचार कर रही है।