फरीदाबाद, 18 दिसम्बर। फीस एंड फंडस रेगुलेटरी कमेटी एफएफआरसी फरीदाबाद की कार्यशैली की जांच को लेकर हरियाणा अभिभावक एकता मंच द्वारा प्रधानमंत्री को ट्वीट के माध्यम से भेजी गई शिकायत पर पीएमओ ऑफिस ने तुरंत संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार को जांच करने के आदेश दिए हैं। इस पर हरियाणा सरकार ने शिकायती पत्र में लिखी गई बातों की जांच करने के लिए एचसीएस अधिकारी दिनेश सिंह यादव को जांच अधिकारी बना कर शीघ्र एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि मंच की ओर से बुधवार को एफएफआरसी की कार्यशैली व उसके गठन से लेकर अब तक अभिभावकों के हित में की गई कार्रवाई की एक उच्च अधिकार प्राप्त जांच कमेटी से जांच कराने के लिए एक पत्र मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा को भेजा था और उसको ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री को भी भेजकर उनसे भी उचित कार्रवाई कराने के लिए आग्रह किया गया था। इस पत्र पर पीएम ऑफिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गुरुवार को हरियाणा सरकार को मंच के शिकायती पत्र को भेजकर उस पर उचित कार्रवाई करने के लिए कहा, जिस पर हरियाणा सरकार ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए एचसीएस अधिकारी दिनेश सिंह यादव को जांच अधिकारी बनाकर जांच करके एक्शन टेकन रिपोर्ट देने को कहा है। मंच का कहना है कि अब देखना यह है कि एक एचसीएस अधिकारी, आईएएस लेवल के अधिकारी चेयरमैन एफएफआरसी की कार्यशैली की जांच किस प्रकार कर पाता है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने बताया है कि मंच की ओर से जो पत्र ट्वीट के द्वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजा गया है उसका टाइटल है नाम है ‘फीस एंड फंडस रेगुलेटरी कमेटी,काम है प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाना,उनसे नियमों का पालन करवाना, लेकिन एफएफआरसी कर रही है स्कूलों के हित में काम। प्रधानमंत्री जी, मुख्यमंत्री जी इसकी जांच कराओ, अभिभावकों को न्याय दिलाओ।’ इस ट्वीट को अब तक 100 से ज्यादा पेरेंट्स ने रिट्वीट किया है और 900 से ज्यादा जागरूक नागरिकों ने इंप्रेस व लाइक किया है। अभी भी रिट्वीट जारी है।मंच ने पेरेंट्स से अप्रैल से दिसंबर तक अपने स्कूल की मनमानी की चेयरमैन एफएफआरसी, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से की गई शिकायत की कॉपी मंच के जिला कार्यालय चेंबर नंबर 56 जिला कोर्ट फरीदाबाद में जमा कराने को कहा है जिसे जांच अधिकारी को सौंपा जा सके।