एसवाईएल नहर का पानी रोकने पर भाजपा नेताओं ने रखा एक दिन का उपवास

फऱीदाबाद । पंजाब सरकार द्वारा अनाधिकृत तौर पर एसवाईएल नहर का हरियाणा के हिस्से का पानी रोकने के विरोध में शनिवार को जिला भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सेक्टर-12 स्थित जिला मुख्यालय पर एक दिन का उपवास रखा। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि हरियाणा राज्य बनने के बाद हरियाणा को इसके हिस्से का पानी मिलना था लेकिन पंजाब ने नहीं दिया, 24 मार्च 1976 केंद्र की तरफ से हरियाणा को 3.5 एमएएफ पानी देने की अधिसूचना हुई और 8 अप्रैल 1982 इंदिरा गांधी ने पटियाला के कपूरी गांव के पास नहर खुदाई का उद्घाटन किया। 24 जुलाई 1985 को हरियाणा का पंजाब सरकार से समझौता हुआ। उन्होंने कहा किपंजाब ने नहर बनाने की सहमति दी लेकिन हरियाणा को उसके हिस्से का पानी ना मिलने के कारण और समझौता सिरे नहीं चढऩे पर हरियाणा ने 1996 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 15 जनवरी 2002 सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को एक वर्ष में एसवाईएल बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 2004 पंजाब ने पंजाब टर्मिनेशन आफ एग्रीमेंट एक्ट-2004 बनाकर तमाम जल समझौते रद्द कर दिए ढ्ढ 20 अक्टूबर 2015 हरियाणा की मनोहर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रपति के रेफरेंस पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ गठित करने का अनुरोध किया। 26 नवंबर 2016 सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी पंजाब सरकार हरियाणा के हिस्से के पानी को अनाधिकृत तौर पर रोका हुआ है, अगर हरियाणा को अपने हिस्से का पानी मिल जाए तो हरियाणा के किसान भी ख़ुशहाल होंगे, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा सरकार लगातार प्रयासरत है। उपवास के दौरान मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव अजय गौड़, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरा तोमर, विधायक नरेंद्र गुप्ता, विधायक सीमा त्रिखा, महापौर सुमन बाला, वरिष्ठ उप महापौर देवेन्द्र चौधरी, उप महापौर मनमोहन गर्ग, पूर्व विधायक व वरिष्ठ नेता नागेन्द्र भड़ाना, धनेश अदलक्खा, टिपरचंद शर्मा, रूप सिंह नागर, पार्षद अजय बैंसला, वीरपाल गुर्जर आदि अन्य भाजपा नेताओं व वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में पंजाब सरकार से एसवाईएल नहर के हरियाणा के हिस्से के पानी की मांग रखी। उन्होंने अपने भाषण में कृषि सुधार क़ानून में दिए गए प्रावधानों को विस्तारपूर्वक रखा और कृषि सुधार क़ानून पर बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा लाए गए इन क़ानूनों से अन्नदाता किसान भाइयों को सशक्त किया जाएगा और उनकी आय को दुगुना किया जाएगा। इस दौरान किसान दयानंद नागर, यश मोहन, पहलाद बाँकुरा, विजय तेवतिया, योगेश शर्मा, योगेश तेवतिया, सुरेंद्र कालीरमण आदि ने मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सुधार क़ानूनों का स्वागत किया और इस क़ानूनों में अपनी आस्था जताई।