फरीदाबाद। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को हाईकोर्ट के एक आदेश से बड़ी राहत मिली है। इनकी अधिगृहीत जमीन पर कब्जा जमा बैठे लोगों के केस को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे प्राधिकरण के पास करीब 100 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने का रास्ता साफ हो गया है। अभी इतनी ही एकड़ जमीन से संबंधित केस हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि लंबित केसों के निर्णय भी उनके पक्ष में आएंगे। बता दें प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर अधिग्रहण की गई जमीन पर जमीन मालिकों ने ही कब्जा कर लिया था। इसके बाद 2013 से विभिन्न मामले अदालत में चल रहे थे। प्राधिकरण द्वारा अपनी जमीन के बारे में मजबूती से रखे गए पक्ष के बाद अब फैसला उनके हक में आया है। प्रशासक प्रदीप दहिया के आदेश पर अब 100 एकड़ जमीन का सर्वे किया जाएगा। देखा जाएगा कि इस जमीन पर किस तरह के कब्जे हैं। जो कब्जे होंगे, उन्हें हटाया जाएगा। अब प्राधिकरण इस जमीन को विभिन्न साइटों व रिहायशी प्लाट के लिए नीलाम करने की योजना तैयार कर सकता है। इससे प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। वैसे भी प्राधिकरण की माली हालत इस समय ठीक नहीं है। सेक्टर-11 के लिए अधिग्रहण की गई मुजेसर व सिही गांव की जमीन, सेक्टर-16ए, 28 और 31 के लिए फरीदाबाद, सेक्टर-34 और 37 के लिए पल्ला, सेक्टर-31, 32, 35, 36, 45 और 46 के लिए मेवला महाराजपुर, सेक्टर-48 के लिए बडख़ल, सेक्टर-58, सेक्टर-25 पार्ट एक के लिए झाड़सेंतली, सेक्टर-61 के लिए मलेरना, सेक्टर-64 के लिए ऊंचा गांव, सेक्टर-20ए, 20बी, 20ए-बी के लिए दौलताबाद व अजरौंदा, सेकटर-27डी के लिए अनंगपुर, सेक्टर-56-56ए गौंछी और पलवल में सेक्टर-1 व 2 की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया का कहना है कि वैसे तो जमीन अधिग्रहण के बाद संबंधित शाखा के अधिकारियों को जमीन कब्जे में ले लेनी चाहिए। समय-समय पर यह भी देखना चाहिए कि जमीन पर कोई कब्जे तो नहीं है। बाद में कब्जे हटाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे ही काफी केस अदालत में लंबित हैं। अब 100 एकड़ जमीन पर कब्जे का मामला साफ हो गया है। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जमीन पर दोबारा कब्जे न हो। अभी और भी केस लंबित हैं।