वेदी पर विराजमान हुई मां दुर्गा

 

 

देवघर। शारदीय नवरात्र के सांतवें दिन महा सप्तमी तिथि पर माता विल्ववरणी को महा स्नान कराते हुए ढोल बाजे के साथ वेदी पर लाया गया। माता विल्वभरणी को बेदी पर लाने के पश्चात नव पत्रिका प्रवेश पूजा कराते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा में पूजा आरंभ की गई। भक्तों के लिए मां दुर्गा का पट खोल दिया गया। सभी पूजा स्थलों में कोरोना नियम का पालन करते हुए सामाजिक दूरी के साथ पूजा आरंभ की गई। माता के जयकारे से देवनगरी गुंजायमान हो उठी। हर तरफ मां की आराधना की जा रही है। बाबा मंदिर भीतर खंड कार्यालय में मंदिर महंत सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा आचार्य श्री नाथ मिश्र के द्वारा मां दुर्गा की पूजा आरंभ की गई। इसके साथ ही मंदिर के पूरब द्वार स्थित घड़ीदार घर, हाथी पहाड़, बड़ा बाजार सहित दर्जनों जगहों में मां दुर्गा की पूजा आरंभ की गई। मां के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। भक्तों को मां की प्रतिमा स्पर्ष करने की अनुमति नहीं दी गई। दूर से ही भक्तों मां दुर्गा के दर्शन कर मंगल कामना कर रहे। हर तरफ माता का जयकारा लगाया जा रहा है।

देवसंघ स्थित नव दुर्गा मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ सात नदियों के जल से मां भगवती को महा स्नान कराया गया। इसके बाद मां भगवती की पूजा आरंभ की गई। सामाजिक दूरी के साथ मां भगवती की पूजा शुरू की गई पूजा स्थलों में नियमानुसार सात आदमी ही मौजूद रहे। दिन चढ़ने के साथ ही मां भगवती के दर्शन को लेकर सभी पूजा स्थलों में भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई।

महा सप्तमी तिथि पर बाबा मंदिर प्रांगण स्थित तीन देवी मंदिरों माता पार्वती, मां संध्या, एवं मां काली मंदिर का पट दोपहर बाद बंद कर दिया गया। अब से तीन दिनों तक सिर्फ विशेष पूजा के समय तीनों देवी मंदिरों के पट खोले जाएंगे। इस दौरान इन मंदिरों में आम भक्तों के प्रवेश पर रोक रहेगी। विजयादशमी के दिन आम भक्तों के लिए इन मंदिरों के पट को खोला जाएगा। सभी पूजा स्थलों में रात को निशा पूजा की गई।