कांग्रेसी नेता मनोज अग्रवाल के नेतृत्व में कांग्रेस स्थापना दिवस पर निकाली गई विशाल तिरंगा यात्रा

फरीदाबाद. 28 Dec। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 136वें स्थापना दिवस के मौके पर आज देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही मेें लाए गए तीन कृषि विधेयकों के विरोध में तिरंगा यात्रा निकालकर सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट किया। इसी कड़ी में बल्लभगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा कुमारी सैलजा के आह्वान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। कांग्रेस कार्यकर्ता तयशुदा कार्यक्रमानुसार बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोज अग्रवाल के मोहना रोड स्थित कार्यालय पर एकत्रित हुए और वहां से एक बड़े जुलूस के रूप में तिरंगा यात्रा निकालते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे और वहां पहुंचकर इन तीनों कृषि विधेयकों को रद्द करवाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद, भाजपा सरकार मुर्दाबाद, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मुर्दाबाद, किसान एकता जिंदाबाद’ के गगनचुंबी नारे लगाकर पूरे माहौल को कांग्रेसमय कर दिया। इस अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए मनोज अग्रवाल ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोरोना काल में आनन-फानन में 3 कृषि विधेयकों को आखिरकार पारित करने की ऐसी क्या जरूरत पड़ गई, अगर सरकार को इन विधेयकों को लाना था तो पहले वह किसान नेताओं से विचार विमर्श करती परंतु सरकार ने ऐसा नहीं किया और तानाशाह रवैया अपनाते हुए इन विधेयकों को किसानों पर थोप दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरफ 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की बात करते है परंतु इन कृषि विधेयकों ने किसानों की कमर तोडऩे का काम किया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज हमारे देश का यह दुर्भाग्य है की सत्ता में बैठी दमनकारी भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को कुचलने का कुप्रयास कर रही है। भाजपा सरकार को हमारे संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं है क्योंकि आज देश का अन्नदाता जो लोगों का पेट भरता है, पिछले 33 दिनों से खुले आसमान में कडक़ड़ाती सर्दी में धरने प्रदर्शन को मजबूर हो रहा है परंतु सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। मनोज अग्रवाल ने कहा कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कांग्रेस भारत के जनमानस की आईना थी। सारा भारत कांग्रेस के साथ था सिर्फ साम्प्रदायिक जातिवादी और अंग्रेजों के प्रति श्रद्धा रखने वाले दल जरूर कांग्रेस के खिलाफ थे। कांग्रेस के बड़े नेता दादा भाई नैरोजी, गोपाल कृष्ण गोखले,लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी जी, भगत सिंह, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार पटेल ,राजेन्द्र प्रसाद,भीम राव अम्बेडकर सी राजगोपालाचारी, आचार्य नरेंद्र देव, मौलाना आजाद मदन मोहन मालवीय आदि अनेकों नेताओं ने नेतृत्व, त्याग और नैतिकता के ऊँचे मानदंडों को स्थापित किया था। इस दौरान उपस्थित कांग्रेसियों ने संकल्प लिया कि जब तक भाजपा सरकार इन किसान विरोधी तीनों कृषि विधेयकों को रद्द नहीं करती, तब तक कांग्र्रेस कार्यकर्ता हर स्तर पर किसानों के आंदोलन में अपना सहयोग करेगा और उनकी लड़ाई हर स्तर पर लड़ेगा। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता योगेश ढींगड़ा, सेवादल के प्रदेश सचिव संजय त्यागी, एचपीसीसी कॉर्डिनेटर गौरव ढींगड़ा, विजय कौशिक, मोनू यादव, प्रताप शर्मा, महिला सेवादल जिला अध्यक्ष सोनू चौधरी, सेवादल के प्रदेश सचिव ओम प्रकाश पांचाल, संतराम मेघवाल, अशोक रावल, अनीश पाल, संजय सोलंकी, सोहनलाल सैनी, अजित तोमर, वंदना गोयल, विष्णु, धर्मवती, ओम शांति, एम.एम शर्मा, सूबे सिंह चौहान, राजकुमार नेताजी, बाबूलाल रवि, प्रताप सिंह, युवा नेता शुभम कसाना, राहुल गुप्ता सहित अन्य सैंकड़ों कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।