गोरखपुर। नया साल 2021 का इस्तकबाल कोरोना प्रोटोकाल के चंगुल में फंसा है। भारत नेपाल सीमा सील है और सूने पड़े होटलों, इंटरटेनमेंट स्पाटों के चलते पड़ोसी मुल्क नेपाल मायूस है। क्योंकि बार्डर के जिले सिद्धार्थनगर, महराजगंज के अलावा गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया सहित अन्य जनपदों से औसतन 15 हजार से ज्यादा लोग न्यू ईयर वेलकम के लिए वहां नहीं जा रहे। इधर टूर एंड ट्रैवेल एजेंट भी हाथ पर हाथ धरे कोरोना इफेक्ट को जी भरके कोस रहे हैं।
पिछले साल करीब 15 हजार लोग गए थे नेपाल, हाउसफुल थे सभी होटल
टूर एवं ट्रैवेल आपरेटर एसोसिएशन के मुताबिक नेपाल जाने के लिए पिछले वर्ष चार सौ से ज्यादा कारों एवं 25 ट्रैवलर की बुकिंग हुई थी। उन्हीं का अनुमान है कि बुकिंग के अलावा इससे कई गुना ज्यादा लोग अपने निजी वाहनों से जश्न मनाने वहां गए थे। पिछले साल नेपाल के होटलों का आलम यह था कि नए वर्ष के एक सप्ताह पूर्व ही होटलों पर नो-रूम का बोर्ड लग गया था। जिन लोगों ने आनलाइन बुकिंग नहीं कराई थी उन्हें सर्द रात गाड़ी में बितानी पड़ी। अपने शहर से नजदीक होने और जश्न के दौरान किसी तरह की रोट-टोक न होने के कारण ज्यादातर लोग नेपाल जाना पंसद करते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से हालात बदले हुए हैं। सीमा सील होने के चलते लोगों की आवाजाही नहीं हो सकती।
नेपाल का होटल उद्योग सदमे में
नए साल पर भारतीयों का पलकें बिछाकर स्वागत करना वाला नेपाल का होटल उद्योग सदमे में है। भारतीयों के न आने की वजह से नेपाल के होटलों में किसी तरह का इंतजाम नहीं किया गया है। कठमांडू स्थित ओसिस इंटरनेशनल के मैनेजर सुजीत ने बताया कि इस बार दूसरे देशों से गेस्ट नहीं आ रहे हैं, इसलिए नए साल के लिए विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं। पहली बार ऐसा होगा कि नए साल पर भारतीय टूरिस्ट नहीं होंगे। टूर एंड ट्रैवेल एजेंट मोहित के मुताबिक एक माह पहले ही गाडिय़ां बुक हो जाती थीं। आम दिनों के मुकाबले लोग दोगुना किराया देने को तैयार रहते थे। होटल बुकिंग पर भी 25 फीसद तक की बचत हो जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना से सबके अरमानों को धो डाला।
सीमा सील होने के कारण इस बार नेपाल एक भी बुकिंग नहीं हुई। जो लोग कहीं जाना चाहते थे उन्हें नैनीताल और राजगीर (बिहार) भेजा जा रहा है। कारोबार के लिहाज से नया साल निराशाजनक ही कहा जाएगा। – फैज अहमद अंसारी, ट्रैवेल लिंक।