बैंकों द्वारा विफल लेनदेन की रकम जल्द नहीं लौटाने पर सरकार सख्त, सीसीपीए ने आरबीआइ से दखल देने को कहा
नई दिल्ली। कई बार ऐसा होता है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या लेनदेन के दौरान ग्राहक के बैंक खाते से भुगतान हो जाता है, लेकिन वह लेनदेन किन्हीं वजहों से सफल नहीं होता। लेनदेन रद करने के मामले में भी अक्सर ऐसा होता है। इन मामलों में ग्राहक के पास सिर्फ एक चारा होता है कि वह बैंक द्वारा वह रकम लौटा दिए जाने तक इंतजार करे। कई बार यह इंतजार जरूरत से ज्यादा लंबा होता है। बैंकों की इस हीलाहवाली या बेपरवाही को सरकार ने सख्ती से लिया है। उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने आरबीआइ को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं और केंद्रीय बैंक को इस मामले में दखल देने की जरूरत है।
हालांकि, खरे के मुताबिक ऐसा नहीं कि बैंक रकम लौटा नहीं रहे हैं। लेकिन बैंक इस प्रक्रिया में आरबीआइ के दिशानिर्देशों में वर्णित समय में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। बैंकिंग नियामक होने के नाते आरबीआइ का यह दायित्व है कि वह इन मामलों को गंभीरता से ले और बैंकों को आदेश दे कि वे इन मामलों में निर्धारित समयावधि का गंभीरता से पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राहकों को अटका भुगतान वापस मिलने में तेजी आए, इस काम में सीसीपीए आरबीआइ को पूरी मदद देने को तैयार है।