गाजियाबाद । मुरादनगर में रविवार दोपहर को उखलारसी श्मशान घाट की छत भरभराकर गिर गई। इसमें कई लोग मलबे में दब गए। हादसे में अब तक 18लोगों के मरने की पुष्टि हूई है। मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। जिला एमएमजी अस्पताल में अब तक 18 व्यक्तियों के शव पहुंच चुके हैं। इनकी पहचान की जा रही है। स्ट्रेचर भी कम पड़ गए हैं। जमीन पर ही शव रख दिए गए हैं। इस हादसे में 20 से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। ये सभी लोग अंतिम संस्कार में शामिल होने श्मशान गए थे।
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे का ऐलान
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत गिरने की घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।सीएम ने मण्डलयुक मेरठ और एडीजी जोन से हादसे की रिपोर्ट मांगी है। वहीं, राज्यमंत्री अतुल गर्ग घटनास्थल पर पहुंचे हैं।
- मुरादनगर हादसे में मरने वालों व घायलों की सूची
दिग्विजय पुत्र मुकेश त्यागी निवासी मुरादनगर
- प्रमोद कुमार पुत्र रामपाल निवासी गंगा विहार मुरादनगर
- नितिन पुत्र इकबाल सिंह निवासी मुरादनगर
- नेपाल सिंह पुत्र कालू राम निवासी मुदानगर
- रोबिन पुत्र अज्ञात, पता अज्ञात
- दिनेश पुत्र परमानंद निवासी कृष्णा कुंज मोदीनगर
- उधम सिंह पुत्र रमेश निवासी डिफेंस कॉलोनी मुरादनगर
- जयवीर पुत्र बलवीर सिंह निवासी मेरठ
- सुरेश पुत्र दर्शन दयाल लोहियानगर गाजियाबाद
- सुधाकर पुत्र हरवीर सिंह निवासी मसूरी
- किशनपाल पुत्र प्रलोभ सिंह निवासी मुरादनगर
- आठ लोग अभी अज्ञात में हैं, इनकी पहचान नहीं हो सकी है।
दरअसल, दयानंद कॉलोनी निवासी दयाराम की रात को बीमारी के चलते मौत हो गयी थी। उनके अंतिम संस्कार में 100 से ज्यादा मोहल्लेवासी व रिश्तेदार शामिल हुए थे। अंतिम संस्कार की अंतिम प्रक्रिया चल रही थी। पुजारी के आह्वान पर सभी लोग श्मशान घाट परिसर में बने भवन के अंदर खड़े होकर आत्म शांति पाठ कर रहे थे। इसी दौरान एक तरफ की जमीन धंस गयी। परिणामस्वरूप दीवार नीचे बैठ गयी और लेंटर गिर गया। किसी को भागने तक का मौका नहीं मिला। चीख पुकार के बीच कुछ लोग उसके अंदर ही मलबे में दब गए जबकि कुछ ने दौड़कर अपनी जान बचाई। पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई। भवन ज्यादा पुराना नहीं था। आशंका है कि भराव की जमीन में भवन बना था। अधिक बारिश में मिट्टी बैठने से घटना हुई है। पुलिस मलबे से जीवित व मृत लोगों को निकालने में लगी है। घायलों को अलग अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छानबीन चल रही है।
बता दें कि मुरादनगर में सुबह 3 बजे से साढ़े आठ बजे तक बारिश हुई। बीच मे कुछ देर बंद रही फिर बारिश शुरू हो गयी। जो भवन गिरा है, वह करीब दस साल पुराना है, नगरपालिका ने उसे बनाया था। मुरादनगर की घटना को देखते हुए मोदीनगर में राज चौपला से ट्रैफिक को हापुड़ रॉड की तरफ डायवर्ट कराया गया। ये वाहन भोजपुर से पिलखुवा होकर गाजियाबाद जाएंगे।