शिवराज सरकार का बड़ा एलान, पत्थरबाजों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर कसेगी नकेल, बनेगा कानून
भोपाल। बीते दिनों मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्रता (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश को मंजूरी दी थी। अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक और बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ न सिर्फ कड़ी कार्रवाई की जाएगी वरन सजा के साथ नुकसान की रकम भी उनसे वसूली जाएगी। शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि मैनें ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ कड़े कानून बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पर काम शुरू कर दिया गया है। जल्दी ही उपद्रवियों पर नकेल कसने के लिए कानून सामने आएगा।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों उज्जैन और इंदौर में श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धनसंग्रह करने को निकले रामभक्तों पर अकारण पत्थरबाजी की गई थी। इसके बाद इंदौर और उज्जैन के प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर पत्थरबाजों के मकान जमींदोज कर कड़ा संदेश दिया था। पहली घटना उज्जैन के बेगमबाग क्षेत्र में 25 दिसंबर को हुई थी जहां हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया था। पत्थरबाजी की इस घटना में नौ लोग घायल हो गए थी और पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया था। इसके बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचकर उन मकानों को चिह्नित किया जहां से पथराव किया गया था।
छानबीन में पाया गया था कि उक्त मकान अवैध तरीके से बनाए गए थे। प्रशासन पूर्व में इन मकान मालिकों को नोटिस भी जारी कर चुका था। अगले दिन 26 दिसंबर को प्रशासन का अमला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा तो चार घंटे से भी ज्यादा समय तक उपद्रवियों ने बवाल किया। यहां तक कि शहर के काजी की ओर से धमकी दी गई कि यदि बवाल हुआ तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे लेकिन अधिकारी पीछे नहीं हटे और भीड़ को तितर बितर कर के मकान गिरा दिया गया। दूसरी घटना 29 दिसंबर को इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के चांदनखेडी गांव में हुई थी जहां मंदिर निर्माण के लिए निकाली जा रही रैली पर पथराव किया गया था। पत्थरबाजी की चपेट में आकर 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यहां तक कि उपद्रवियों ने धारदार हथियारों से हमला किया और गोलियां भी चलाईं। भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने केस दर्ज कर करीब 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया। यही नहीं 24 घंटे के भीतर प्रशासन ने स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन कर बनाए गए मकानों को तोड़ दिया। यही नहीं चांदनखेड़ी मुख्य मार्ग के कई मकानों के अवैध हिस्से भी गिरा दिए गए। उज्जैन और इंदौर के कलेक्टरों का कहना था कि उप्रदव करने वालों और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा।
मालूम हो कि इससे पहले शिवराज कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 को 26 दिसंबर को मंजूरी दी थी। यह कानून जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने वालों पर नकेल कसेगा। शिवराज सरकार ने कहा था कि फिलहाल धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया जाएगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश में 28 नवंबर 2020 को उप्र विधि विरद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषषेध अध्यादेश-2020 लागू हुआ था। यही नहीं कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई भी लव जिहाद रोकने के खिलाफ यूपी की तर्ज पर कड़ा कानून बनाने का ऐलान कर चुके हैं।