नारी को शिक्षित करने की नई परंपरा जिसने चलाई, नमन तुम्हे सावित्री बाई

फरीदाबाद। माता सावित्रीबाई फुले ने नारी शिक्षा के महत्व को समझते हुए एक नई परंपरा की शुरुआत की आज उनके जन्मदिवस पर हम उन्हें नमन करते हैं। प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले ने समाज के लिए एक आदर्श स्थापित किया। हम सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए शिक्षा के महत्व को समझना होगा। बालिकाओं को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। उपरोक्त विचार सेवानिवृत प्रशानिक अधिकारी निर्मल धामा ने अपने संबोधन में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। एसी नगर स्थित पंडित अमरनाथ हाई स्कूल परिसर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन सामाजिक समरसता मंच द्वारा आयोजित प्रथम महिला शिक्षिका एवं समाजसुधारक एवं मराठी कवित्री माता सावित्रीबाई फुले की जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ पर सर्वप्रथम उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। उसके उपरांत बालिकाओं द्वारा राष्ट्र एवं भक्ति भाव से पूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मुख्य वक्ता राजेश जी ने अपने संबोधन में माता सावित्रीबाई फुले जी के पद चिन्हों पर चलने पर जोर दिया। सामाजिक समरसता मंच फरीदाबाद के संयोजक अरुण त्यागी ने अपने संबोधन में बच्चो को माता-पिता का आज्ञाकारी बनने पर जोर दिया। आयोजन में मुख्य अथिति एवं अतिथियों ने मेधावी छात्राओं को और शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समारोह की मुख्य अतिथि निर्मल धामा-सेवानिवृत प्रशानिक अधिकारी, मुख्यवक्ता राजेश महेश्वरी- कार्यवाह, फरीदाबाद महानगर, अरुण त्यागी- जिला संयोजक, सामाजिक समरसता, समाजसेवी ओ पी धामा, जय प्रकाश अरोड़ा, राजकुमार सिंह , पम्मी सिंह ,दीनानाथ सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।