नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ‘नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल’ और ‘भारतीय निर्देशक द्रव्य’ राष्ट्र को समर्पित किया और नेशनल एनवायरमेंटल स्टैंडर्ड लैबोरेट्री की भी आधारशिला रखी। बता दें कि पीेएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए भाषण दे रहे हैं। कॉन्क्लेव का विषय ‘राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मेट्रोलॉजी’ है।
-आज का भारत पर्यावरण की दिशा में दुनिया का नेतृत्व करने की ओर बढ़ रहा है
-पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत दुनिया के उन देशों में है जिनके पास अपने नेविगेशन सिस्टम है। आज इसी ओर एक और कदम बढ़ा है। आज जिस भारतीय निर्देशक का लोकार्पण किया गया है। ये हमारे उद्योग जगत को क्वालिटी प्रोडक्ट्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।’
-प्रधानमंत्री बोले- हमें यह सुनिश्चित करना है कि भारत में बने उत्पादों की गुणवत्ता श्रेष्ठ हो और उनकी वैश्विक स्वीकार्यता हो। इन नए मानकों से देश भर के जिलों के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी। हमारे उत्पादों की गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी, देश की अर्थव्यवस्था उतनी ही सशक्त होगी।
-पीएम ने कहा, ‘भारत के वैज्ञानिकों ने एक नहीं दो मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन विकसित करने में सफलता पाई है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इसके लिए देश को अपने वैज्ञानिकों के योगदान पर बहुत गर्व है।’
-हमारे युवा आज CSIR जैसे संस्थानों के विषय में जानना चाह रहे हैं, इसीलिए मैं चाहूंगा CSIR के वैज्ञानिक, देश के युवाओं से अपने अनुभव साझा करें। इससे देश में युवा वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी तैयार करने में सहायता मिलेगी : प्रधानमंत्री
कॉन्क्लेव, काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (CSIR-NPL), नई दिल्ली द्वारा आयोजित किया जा रहा है, इसकी स्थापना के 74 साल पूरे हो गए हैं। रविवार को पीएम ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुबह 11 बजे, 4 जनवरी को, राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया जाएगा। नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल और भारतीय निर्देशक द्रव्य राष्ट्र को समर्पित होगा। राष्ट्रीय पर्यावरण मानक लैब की नींव भी रखी जाएगी।’
बता दें कि नेशनल एटॉमिक टाइमस्केल भारतीय मानक समय 2.8 नैनो सेकंड की सटीकता के साथ देता है। भारतीय निर्देशक द्रव्य मानकों के अनुरूप क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए लैब में जांच और मेजरमेंट में सहयोग करेगी। वहीं, राष्ट्रीय पर्यावरण मानक प्रयोगशाला परिवेशी वायु और औद्योगिक उत्सर्जन निगरानी उपकरणों के प्रमाणीकरण में आत्मनिर्भरता में सहायता करेगी। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, पृथ्वी विज्ञान और डॉ हर्षवर्धन भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।