जिसने भी देखा फट गया कलेजा… झारखंड पुलिस अपनी गाड़ी के पीछे घसीटकर थाने ले गई लाश; मानवता शर्मसार

रामगढ़। Jharkhand Police Inhuman Behaviour जिसने भी देखा फट गया कलेजा… अपने कारनामों से सुर्खियों में रहने वाली झारखंड पुलिस आज फिर से चर्चा में आ गई है। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना में पुलिस अपने वाहन के पीछे बांधकर एक लाश थाने तक ले गई। यहां सड़क हादसे में जान गंवाने वाले एक सीसीएल कर्मी का शव पुलिस ने स्‍ट्रेचर समेत अपने वाहन से बांध लिया और करीब डेढ़ किलोमीटर दूर तक उसी हालत में ले गए। झारखंड पुलिस का यह अमानवीय व्‍यवहार देखकर हर कोई सकते में है।

राजधानी रांची के समीपवर्ती रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र अंतर्गत राजकीय मध्य विद्यालय के निकट एनएच 33 (4/6) लेन चौराहा पर सड़क दुर्घटना में एक सीसीएल कर्मी की मौत घटनास्थल पर हो गई। घटना के बाद मांडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ने मांडू थाना पुलिस को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। इसके बाद पुलिस ने स्ट्रेचर में रखकर शव को बांध दिया। फिर पुलिस वाहन से टोचन कर शव को लेकर करीब डेढ़ किमी तक दूरी तक इसी हाल में घसीटकर मांडू थाने ले आई। यह घटना मंगलवार की अर्धरात्रि की है।

जानकारी के अनुसार गिद्दी निवासी सीसीएल कर्मी मृतक रामेश्वर राम अपनी बाइक (JH 11 F 4774) पर सवार होकर तापीन कोलियरी से अपने दोस्त के साथ (दोनो अलग-अलग बाइक पर सवार होकर) ड्यूटी पूरी कर वापस अपने घर लौट रहा था। इस बीच राजकीय मध्य विद्यालय के निकट 4/6 लेन चौराहा सड़क पार करने के क्रम में हजारीबाग से रामगढ़ की ओर तीव्र गति से जा रहे ट्रक (JH 13 F 1612) की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौत घटनास्थल पर हो गई।

इस मामले में मांडू पुलिस ने एंबुलेंस उपलब्‍ध नहीं कराने का ठिकरा स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर फोड़ा है। जबकि सीएचसी के प्रभारी डॉक्टर अशोक राम ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा करीब डेढ़ वर्ष पूर्व शव वाहन उपलब्ध कराया गया है। लेकिन संचालन के लिए कोई फंड, चालक व गाइडलाइन नहीं दी गई है। ऐसे में कैसे शव वाहन का संचालन होगा।

मृतक के शव को पुलिस वाहन के साथ इस तरह स्‍ट्रेचर समेत बांधकर लाना अमानवीय कृत्‍य है। मामले की जांच की जा रही है। अनुज उरांव, एसडीपीओ रामगढ़।