नई दिल्ली। Happy Birthday Kapil Dev: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के नाम भले ही देश को तीन आइसीसी ट्रॉफियां जिताने का तमगा हासिल हो, लेकिन क्रिकेट के प्रति जुनून भारत के लिए पूर्व कप्तान कपिल देव ने पैदा किया था। वर्ल्ड कप जिताने की बात हो या फिर अपनी गेंदबाजी या बल्लेबाजी से मैच जिताने की बात हो, कपिल हमेशा टीम के लिए खड़े रहे। यही कारण है कि वे आज महानतम खिलाड़ियों में शुमार हैं।
परफेक्ट टीम प्लेयर
कपिल देव कभी भी सिर्फ कप्तान की तरह ही नहीं खेले, बल्कि वे हर विभाग में मास्टर थे। मध्य क्रम में बल्लेबाजी की बात हो, फील्डिंग में अच्छा प्रदर्शन करने की बात हो या फिर गेंद से कमाल दिखाना हो, कपिल देव हमेशा टीममैन की भूमिका में नजर आते थे। उस दौर में जब अच्छे बैट नहीं होते थे, हेल्मेट नहीं होते थे। उस दौर में कपिल देव मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए विपक्षी टीम के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते थे।
वर्ल्ड कप 1983 बना विजयगाथा
1975 में क्रिकेट विश्व कप की शुरुआत हुई। भारत ने भी इंग्लैंड में खेले गए उस विश्व कप में हिस्सा लिया था, लेकिन टीम शुरुआती दौर में ही बाहर हो गई थी। 1979 में फिर से वर्ल्ड कप का आयोजन इंग्लैंड की सरजमीं पर हुआ। उस वर्ल्ड कप भी वेस्टइंडीज ने जीता, लेकिन भारत की हालत वैसी ही रही, जैसी पिछले वर्ल्ड कप में थी, लेकिन 1983 में ऐसा नहीं था। कप्तान कपिल देव थे और उनको भरोसा था कि टीम खिताब जीत सकती थी।
भारतीय टीम ने पहले दो मैच जीते, लेकिन अगले दो मैच गंवा दिए। हालांकि, इसके बाद फाइनल तक कुल 4 मैच लगातार जीते और भारत विश्व विजेता बन गया। भारत ने दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को फाइनल में 43 रन से हराया था। इस टूर्नामेंट में कपिल देव ने बल्ले, बॉल और अपनी फील्डिंग से अहम योगदान दिया था। यहां तक कि एक मैच में उन्होंने 175 रन की पारी खेली थी, जिसका एक भी फुटेज उपलब्ध नहीं है।
कपिल देव का करियर
1 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले कपिल देव ने 1994 तक 225 वनडे मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने एक शतक और 14 अर्धशतकों के साथ 3783 रन बनाए, जबकि बतौर गेंदबाज 253 सफलताएं भी हासिल कीं। वहीं, 131 टेस्ट मैचों में कपिल देव ने 8 शतक और 27 अर्धशतकों के साथ 5248 रन बनाए, जबकि 434 विकेट भी उन्होंने अपने नाम किए। एक पारी में उन्होंने 9 विकेट भी चटकाए थे।