गोला । रामगढ़ जिले के गोला और बरलांगा थाना क्षेत्र में अवैध कारोबारियों का बोलबाला है। अवैध कारोबारी चाहे कोयला का कारोबार हो, लोहा का कारोबार हो, वाहनों से डीजल और पेट्रोल चोरी का कारोबार हो, वन विभाग के पत्थर का कारोबार हो, लकड़ी का कारोबार हो चाहे बालू उठाव का कारोबार हो सभी धंधा वर्षों से फल-फूल रहा है और इस कारोबार में शामिल चाहे पुलिसकर्मी हो चाहे तस्कर मालामाल हो रहे हैं। राह चलते अवैध कोयला का कारोबार सामने दिख जाता है, परंतु अन्य कारोबार सामने से दिखाएं नहीं देता है। जिस कारण कारोबार को लोग नजरअंदाज करते हैं। कोयला के कारोबार पर उंगली उठाते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी बदनाम होते हैं. लोहा के अवैध कारोबार पर नजर डालें तो, इससे नीचे स्तर से लेकर पूंजीपति लोग मालामाल होते हैं, लेकिन किसी को पता नहीं चल पाता है। वर्तमान में गोला और बरलंगा थाना क्षेत्र में कोयला का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। लोगों की माने तो, गोला के कोयला के फैक्ट्रियां जो बरसों से बंद थी, उस से धुआं निकलना चालू हो गया है। साथ ही साइकिल, दोपहिया, चार पहिया वाहनों से कोयला बरलंगा थाना क्षेत्र की ओर से बंगाल की ओर जा रहा है। बंगाल के झालदा थाना क्षेत्र अंतर्गत मधुपुर में कोयला का डिपो बनाया गया है, जहां कोयला पहुंचता है उसके बाद उस डिपो से ट्रक के सहारे कोयला को अन्यत्र भेजा जाता है। ऐसे तो कोयला तस्कर कोयला तस्करी के धंधे से पल्ला झाड़ते हैं। साथ ही पुलिस भी कोयला का कारोबार होने से इंकार करती है, परंतु गोला थाना क्षेत्र के, हेसापोड़ा, रकुवा, सुतरी, सोसोकला, रोला, मगनपुर, चोकाद होते हुए बेटूलकला होकर बरलंगा थाना क्षेत्र में निकल जाती है।