चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा के कार्यकर्ताओं व नेताओं को अब सरकार दरबार में ‘मनोहर’ सम्मान मिलेगा। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक को भाजपा नेताओं की सिफारिशों का ख्याल रखते हुए कार्यकर्ताओं की सुनवाई करनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सत्ता व संगठन को एकजुट कर बड़ी ताकत बनाने के लिए अब खुद फील्ड में उतर गए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस जहां बुरी तरह से बिखरा हुआ है वहीं भाजपा ने अभी से लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह रोजाना सुबह 11 बजे से एक बजे तक अपने कार्यालय में कोई बैठक नहीं रखेंगे और जनता के साथ मुलाकात करेंगे। यही नहीं अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मंगलवार को नो मीटिंग डे मानते हुए पूरा दिन सरकार की योजनाओं का धरातल से फीडबैक लेने के लिए फील्ड के दौरे किए जाएं। जनता प्रथम के उद्देश्य के साथ सभी जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को लक्ष्य दिया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहले सोनीपत में छह लोकसभा क्षेत्रों के शक्ति संगम प्रभारियों की बैठक ले चुके हैं। शनिवार को हिसार में दस जिलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए मुख्यमंत्री ने संगठनात्मक शैली में उनके साथ संवाद किया और कार्यकर्ताओं व नेताओं का इस बात का अहसास दिया कि सरकार से आप नहीं बल्कि आपसे सरकार है।
सीएम ने संगठन शिल्पी की तरह कार्यकर्ताओं से बातचीत करके यह संदेश देने का प्रयास किया कि वह चीफ मिनिस्टर नहीं बल्कि कॉमन मैन हैं। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में कार्यकर्ताओं को बूथ की मजबूती तथा वोटर को बूथ तक लेकर जाने का मंत्र दिया। मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं व जिला स्तरीय नेताओं को टास्क दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर उन सभी योजनाओं तथा कार्यों को कंठस्थ करें जिन्हें देश में हरियाणा ने सबसे पहले लागू किया और पूरे देश के लिए मॉडल बना।
मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि अगर कोई अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करता है और जायज कामों को रोकता है तो वह भाजपा अध्यक्ष के माध्यम से उन्हें फीडबैक जरूर दें। ऐसे में साफ है कि अब मुख्यमंत्री इस बदलाव के माध्यम से न केवल अफसरशाही पर नकेल कसने के मूढ में हैं बल्कि कार्यकर्ताओं को भी वह मान सम्मान दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं जिसके वह हकदार थे।
हरियाणा के जिला स्तरीय दफ्तरों से अकसर यह फीडबैक आ रहा था कि जब भी ग्रामीण लोग, पार्टी कार्यकर्ता अपनी समस्याएं लेकर अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए जाते थे तो बाहर बैठा कर्मचारी साहब मीटिंग में हैं का बहाना लगाकर उन्हें टाल देता था। अफसरशाही के इस रवैये के कारण सरकार की छवि खराब हो रही थी और जनता व कार्यकर्ताओं में निराशा थी। अब सीएम ने खुद अधिकारियों पर नकेल कसते हुए रोजाना जनता से मुलाकात का समय निर्धारित कर दिया है। इससे कोई भी अधिकारी बैठक का बहाना नहीं लगा सकेगा।
कांग्रेस में नहीं हुआ संगठन का गठन
हरियाणा की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने एक तरफ जहां लोकसभा चुनाव की तैयारी कर दी है वहीं विपक्षी दल कांग्रेस पूरी तरह से बिखरा हुआ है। कांग्रेस में पिछले करीब नौ साल से संगठन का गठन नहीं हो सका है। कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते पार्टी धरातल पर पूरी तरह से बिखर चुकी है। कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता लगातार पार्टी से दूर हो रहे हैं।