भारत पर गहरा जल संकट मढरा रहा है डॉ एमपी सिंह 27 मार्च 2023 यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष परम संत जयकृष्ण दास महाराज के कुशल मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ आरएन सिंह ने मंझावली घाट पर यमुना की सफाई को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया तथा यमुना मैया की आरती की जिसमें पदम श्री एडवोकेट ब्रह्मदत्त भाटी ने कहा कि यमुना और गंगा की सफाई में शासन और प्रशासन भ्रष्ट है कई हजार करोड़ रुपए सफाई के लिए भारत सरकार से आया है लेकिन सबको भ्रष्ट नेता और अधिकारी डकार गए हैं सभी नेताओं और अधिकारियों को भ्रष्ट बताते हुए पदम श्री ने कहा कि मेरे पास इन सभी के खिलाफ कागज हैं यदि समाधान की तरफ चलना है तो मैं यमुना तट रक्षक दल के सभी अधिकारियों को कागज उपलब्ध करा सकता हूं यदि गंगा यमुना के अविरल जल के लिए इनके खिलाफ कोर्ट में जाना पड़ा तो मैं उचित कार्यवाही के लिए कोर्ट में जाऊंगा इस अवसर पर अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने कहा कि भारत पर ऐसा जल संकट मढरा रहा है जिसके लिए यमुना तट रक्षक दल को संघर्ष करना पड़ रहा है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि लाखों लोग इसका सामना कर रहे हैं इसीलिए मंझावली घाट पर सैकड़ों की संख्या में यमुना नदी को साफ करने के लिए लोग एकत्रित हो रहे हैं और उचित कदम सही दिशा में उठा रहे हैं डॉ एमपी सिंह ने बताया कि शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर इस जल में आरसैनिक सल्फर और फ्लोराइड की मात्रा अधिक है जिसकी वजह से पानी पीने योग्य नहीं है जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और कृषि की उपजाऊ भूमि ऊसर व बंजर होती जा रही है जल में रहने वाले जीव जंतु मर रहे हैं इन नदियों में स्नान करना भी खतरे से खाली नहीं है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि कोरोना काल में गंगा और यमुना का जल निर्मल और पवित्र हो गया था लेकिन दुर्भाग्य से आज फिर काला बदबूदार गंदा प्रदूषित जल हो गया है उक्त समस्याओं के निदान के लिए भारत के प्रधानमंत्री ने 2014 में नमामि गंगे कार्यक्रम की शुरुआत की थी ताकि जल संकट से छुटकारा मिल सके डॉ एमपी सिंह ने बताया कि उक्त समस्याओं के निदान के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा तीन के तहत कार्यवाही के आदेश दिए गए थे 2009 में राष्ट्रीय गंगा बेसिन प्राधिकरण बनाया गया था और 2014 में स्वच्छ गंगा कोश लाया गया था 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बनाया गया था ताकि अपशिष्ट निपटान किया जा सके लेकिन कुछ भी सार्थक परिणाम नजर नहीं आए उक्त समस्या के निदान के लिए केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्रालय और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उचित कार्यवाही करनी चाहिए क्योंकि इससे यमुना खादर अति प्रभावित हो रहा है और यमुना नदी की जमीन पर अतिक्रमण होने लगा है जिसकी वजह से बाढ़ के दौरान जान और माल का भारी भरकम नुकसान भी हो रहा है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए यमुना रक्षक दल को सामने आना पड़ रहा है यह दुर्भाग्य की बात है जबकि प्रधानमंत्री साहब ने उक्त कार्य के लिए 4000 करोड से अधिक की राशि दे रखी है और अनेकों समितियां बना रखी हैं लेकिन फिर भी कहीं दूर दूर तक भी कुछ नजर नहीं आ रहा है इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विकास वर्मा को ऑप्टेड मेंबर एडवोकेट राजेश खटाना डॉ पूनम नागर बार एसोसिएशन के सचिव अवधी भोजपुरी समाज के सचिव पूर्व प्रशासनिक अधिकारी राव नारायण तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार रखे