देश के कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में अब फिर आएंगे स्टूडेंट्स

जयपुर। देश के कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में 18 जनवरी को कोचिंग इंस्टीट्यृट्स खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही कोचिंग संस्थान, कॉलेज और यूनिवर्सिटी व 9वीं से 12 वीं कक्षा तक के स्कूल खोलने की अनुमति दी है।

कोटा में राज्य सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइन की पालना को लेकर कसरत की जा रही है। यहां 10 बड़े और 50 से अधिक छोटे कोचिंग इंस्टीट्यृटस हैं। इनमें प्रतिवर्ष डेढ़ लाख से अधिक स्टूडेंट्स मेडिकल, इंजीनियरिंग व अन्य प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आते हैं। यहां 3 हजार से अधिक हॉस्टल्स, करीब 1800 मैस व 25 हजार से अधिक पीजी रूम हैं।

कोचिंग हब होने के कारण यहां प्रत्यक्ष रूप से करीब 2 लाख व अप्रत्यक्ष 5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ हैं। कोटा में कोचिंग इंडस्ट्री, हॉस्टल्स एवं इनसे जुड़े अन्य कार्यों का करीब 3 हजार करोड़ का सालाना करोबार माना जाता है। कोरोना महामारी के कारण 9 माह तक बंद रहे कोचिंग संस्थानों की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई थी। लोगों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया था। अब दो दिन पहले सरकार ने कोचिंग संस्थान, हॉस्टल्स फिर से शुरू करने का निर्णय लिया तो स्थानीय लोगों के चहेरों पर खुशी छा गई। संचालक भी तैयारी में जुटे हैं। लॉकडाउन से पहले अपने घरों में गए स्टूडेंट्स अब एक बार शीघ्र ही फिर तैयारी के लिए कोटा आ सकते हैं।

ऐसा किया गया प्रबंध

क्लासरूम में क्षमता के 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स को ही बिठाया जाएगा। कोचिंग के प्रवेश द्वार पर प्रत्येक स्टूडेंट का टेम्प्रेचर चैक करने के साथ ही सेनेटाइजेशन कराया जाएगा। कोचिंग में कहीं भी भीड़ एकत्रित नहीं हो इसके प्रबंध किए जा रहे हैं। कोटा शहर के प्रत्येक चौराहे और कोचिंग सेंटर्स के बाहर “मास्क नहीं तो प्रवेश नहीं” का स्लोगन लिखे बोर्ड लगाए गए हैं। क्लास रूम को प्रतिदिन सेनेटाइज करने का प्रबंध किया जा रहा है। हॉस्टल के एक कमरे में अब एक ही स्टूडेंट को रहने की अनुमति दी जाएगी, पहले दो से तीन स्टूडेंट्स रह सकते थे। मैस में एक साथ भोजन कराने के बजाय स्टूडेंट्स का अलग-अलग समय तय किया जाएगा।