नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के पद संभालने के बाद से ही इन बातों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि उनके कार्यकाल में पाकिस्तान और चीन को लेकर उनकी नीतियां अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही रहेंगी या इनमें कोई बदलाव देखने को मिलेगा। ऐसी कयासबाजी की वजह उनके वो बयान हैं, जो उन्होंने पद संभालने से पहले दिए थे। दरअसल, बाइडन ने पद संभालने से पहले पाकिस्तान को लेकर कहा था कि उसको आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। आपको यहां पर ये भी बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति की नीतियां इस बारे में काफी अलग थीं और उन्होंने पाकिस्तान पर काफी आक्रामक रुख अपनाया था।
बाइडन की पाकिस्तान को लेकर भावी नीतियों के बारे में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के प्रोफेसर एके पाशा का कहना है कि उनकी इसको लेकर नीतियां पूर्व राष्ट्रपति से काफी कुछ लग होंगी। उनके मुताबिक, वो मानते हैं कि अफगानिस्तान में कदम बढ़ाने और तालिबान को कंट्रोल करने के लिए पाकिस्तान का साथ जरूरी है। ऐसे में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका की पाकिस्तान से जो दूरियां बढ़ गई थीं, वो अब कम हो जाएंगी। अमेरिका का मानना है कि इस पूरे क्षेत्र में अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए पाकिस्तान का सहयोग जरूरी है। प्रोफसर पाशा की मानें तो ट्रंप प्रशासन में पाकिस्तान के ऊपर जिस तरह की पाबंदियां लगी थीं उनको भी बाइडन प्रशासन में कम या खत्म किया जा सकता है।