नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सत्ता संभालने के बाद उनकी चीन और ईरान को लेकर कैसी पॉलिसी होगी इसको लेकर फिलहाल विशेषज्ञ कयास ही लगा रहे हैं। हालांकि ये कयासबाजी भी बाइडन के पुराने बयानों को ध्यान में रखते हुए लगाई जा रही है। आपको बता दें कि ओबामा प्रशासन में बाइडन उपराष्ट्रपति के रूप में काम कर चुके हैं। चीन और ईरान दोनों ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका से तनाव की बड़ी वजह बनी थीं। इस दोनों देशों के बारे में जवाहरलाल नेहरू के प्रोफेसर एके पाशा का मानना है कि अमेरिका चीन को साधने के लिए भारत को तवज्जो देगा।
दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका मौजूदा समय में आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है और ऐसे में वो भारत को एक बड़े बाजार के तौर पर देखता है। बाइडन अपने कार्यकाल में चाहेंगे कि उनकी कंपनियों की पहुंच भारतीय बाजारों तक आसानी से हो सके। इसके अलावा वो भारत की रूस पर हथियारों को लेकर जो निर्भरता है उसको भी कम करना चाहेंगे। वो चाहेंगे कि भारत हथियारों की खरीद के लिए अमेरिका की तरफ अधिक झुकाव रखे। यही वजह है कि भारत को बाइडन के कार्यकाल में पूरी तवज्जो मिलेगी।