कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं, समय पर जांच जरूरी: डॉ. प्रबल रॉय

फरीदाबाद, 29 जनवरी। कुष्ठ रोग लाइलाज बीमारी नहीं है। इस बीमारी का समय पर इलाज करवाया जाए तो इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। विश्व कुष्ठ दिवस पर यह कहना है सेक्टर-16 स्थित क्यूआरजी हेल्थ सिटी हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग डायरेक्टर डॉ. प्रबल रॉय का। उन्होंने कहा कि हर साल 30 जनवरी को विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है।
आज कुष्ठ रोग के प्रति चलाए जा रहे अभियान और प्रसार का असर भी दिखने लगा है। जिले में पिछले तीन साल के दौरान कुष्ठ रोगियों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात जाहिर हो जाती है कि इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता आई है जिसके कारण कुष्ठ रोगियों की संख्या में कमी आई है। डॉ. प्रबल रॉय ने बताया कि कुष्ठ रोगियों के लिए सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटलों में पूरा इलाज उपलब्ध है।
जिला कुष्ठ रोग विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन साल के दौरान चलाए गए कुष्ठ रोगी खोज अभियान के तहत रोगियों की संख्या में कमी आई है। साल 2017 -18 में 75, 2018-19 में 57 और 2019-10 में 59 रोगी जिले में पाए गए। इस संक्रामक रोग के प्रति चलाये गए जागरुकता अभियान से ही यह संभव हो पाया है। डॉ. रॉय के अनुसार 95 प्रतिशत लोगों में प्राकृतिक रूप से कुष्ठ रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है जिसके कारण वह इस रोग से प्रभावित नहीं होते हैं। दो से पांच प्रतिशत लोग ही कुष्ठ रोग के जीवाणु से प्रभावित होते हैं।
क्या है कुष्ठ रोग
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रोवेक्टीरियमलैप्री नामक जीवाणु से होता है। यह साथ खाने, उठने बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है।
यह है लक्षण
डॉ. प्रबल रॉय ने बताया कि कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं है। शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली ना हो, पसीना ना आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है । कान पर गांठे होना, हथेली और तलवों पर सुन्नपन होना कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। इस रोग के लक्षण दिखने में 2 से 5 साल का समय लग सकता है।