फरीदाबाद, 10 फरवरी । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार पर कर्मचारियों लंबित मांगों की अनदेखी करने, कर्मियों की छंटनी करने और जन सेवाओं का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। बुधवार को यहां आयोजित जिला कार्यकारिणी की मीटिंग में आंदोलन का ऐलान करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि आंदोलन के पहले चरण में 15 फरवरी तक राज्य के सभी विधायकों व सांसदों को सरकार की वादाखिलाफी और कर्मचारियों की लंबित मांगों के ज्ञापन सौंपे जाएंगे। आंदोलन के दुुुसरेे चरण में 26 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर मास धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्तों को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के तीसरे चरण में 7 से 28 मार्च तक सभी कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के आवासों पर सामूहिक धरने आयोजित कर प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी सत्ता के नशें में चूर सरकार की कूंभकर्णी नींद नही खुली तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। जिला उप प्रधान अतर सिंह केशवाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर,प्रेस सचिव राजबेल देसवाल भी मौजूद थे। बैठक में केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार की तर्ज पर कर्मचारियों व पेंशनर्स के रोकें गए डीए को बहाल करने की मांग की गई। बैठक में बोलते हुए वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कर्मचारियों की मांगों को प्रमुखता से उठाया। बैठक में आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन के भूतपूर्व चेयरमैन कामरेड आर जी कार्णिक के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके द्वारा कर्मचारी आंदोलन को दिए गए सहयोग का याद किया गया। जिला कार्यकारिणी की बैठक में एसकेएस व विभागीय संगठनों के पदाधिकारी करतार सिंह, जगदीश चंद्र,मास्टर भीम सिंह, वीरेंद्र सिंह, रविन्द्र नागर, कृष्ण कुमार, दिनेश शर्मा, रमेश चन्द्र तेवतिया, विजय चावला, राकेश चिंडालिया,दर्शन सोया,रघबीर चौटाला, बल्लू प्रधान,संजू व अजीत सिंह आदि मौजूद थे।