Faridabad, 10 Feb : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइडस ने नेशनल डीवार्मिंग डे के अवसर पर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। नेशनल डीवर्मिमंग डे अर्थात कृमि मुक्ति दिवस। यह कृमि या परजीवी बच्चों के पेट में रहता है और उनके पोषण के संतुलन को नष्ट कर देता है। इस कारण कई तरह की बीमारियां बच्चों में होती है। एनीमिया इनमें सबसे आम बीमारी हो चुकी है। इसीलिए हर वर्ष दस फरवरी को कृमि मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्राचार्य एवम् जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड प्रभारी रविन्द्र कुमार मनचंदा ने कहा कि इस कृमि को सॉइल ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थ्स अर्थात एस टी एच कहा जाता है। यानी एसटीएच, जो पेट के इस संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन आंकड़े जारी कर कह चुका है कि विश्व में सबसे ज्यादा एसटीएच भारत में हैं जिसके कारण एक से चौदह वर्ष के बीस करोड़ से अधिक बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा है। इतने बच्चे इस कृमि या परजीवी से पेट का संक्रमण झेल रहे हैं। इस संक्रमण को खत्म करने के उद्देश्य से हर साल इस दिन स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों को एलबेंडाजोल नामक दवाई दी जाती है, जो इस परजीवी को पेट से बाहर निकालने का काम करती है। यह परजीवी पेट तक पहुंचने वाले हर पोषण को खा जाता है और उस पोषण का लाभ संक्रमित बच्चे को नहीं मिल पाता। देश में बच्चों का बड़ा वर्ग कुपोषण का शिकार है तो एनीमिया के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं, राष्ट्रीय डीवार्मिंग डे के मौके पर देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों में बीमारी के आंकड़े जारी किए गए हैं। इसी में यह जानकारी दी गई कि हर दस में से छह बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं और असमय इनकी मौत हो रही है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा ने बताया कि ऐसे बच्चों को कृमि मुक्त बनाने के लिए ही राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस की शुरुआत वर्ष 2015 में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से की गई थी, इसके अंतर्गत देशभर के 1 से 19 वर्ष आयु के बच्चों को सम्मिलित किया जाता है। इस कार्यक्रम में पोषण संबंधी स्थिति जानने के साथ बच्चों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए बच्चों को परजीवी आंत्र कृमि संक्रमण से मुक्त करने के लिये टैबलेट उपलब्ध कराई जाती है। नवजात शिशुओं और स्कूली बच्चों को परजीवी कृमि संक्रमण से संरक्षित करने के लिए और इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष दस फरवरी को नेशनल डीवॉर्मिंग डे पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रेरित किया जाता है। ताबिंदा, कनिका, खुशी, निशा और आंचल सहित अध्यापिका ललिता, आशा और संजय मिश्रा ने भी स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित किया।