अधिकारियों की लापरवाही से नरक बनता जा रहा है फरीदाबाद, बेमौत मर रही हैं गायें – पाराशर

फरीदाबाद- हरियाणा के मुख्यमंत्री का आदेश फरीदाबाद के अधिकारी नहीं मानते और यही कारण है कि फरीदाबाद की सड़कों पर आज भी एक दो नहीं हजारों आवारा पशु देखने को मिल जाएंगे। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने रविवार को शहर की सड़कों का जायजा लिया और बताया कि उन्हें तकरीबन हर सड़क पर आवारा पशु देखने को मिले। एडवोकेट पाराशर ने बताया कि 2017 में तत्कालीन फरीदाबाद के उपायुक्त समीरपाल सरों ने फरीदाबाद को आवारा पशु मुक्त घोषित किया था लेकिन वो दावा कागजी दावा था। उन्होंने ये दावा मीडिया के सामने किया था। अब भी हजारों पशु सड़को पर घूम रहे हैं।
एडवोकेट पाराशर ने बताया कि जिले में कई करोड़ रूपये की लागत से कई गौशालाएं बनाई गयी हैं लेकिन हजारों गाय सड़क पर घूम रहीं हैं। कूड़ा और पोलोथीन खाकर बीमार हो रहीं हैं और तमाम गायों की असमय मौत भी हो जाती है। उन्होंने बताया कि हाल में मीडिया के माध्यम से पता चला कि एक गाय के पेट से 70 किलो पोलोथीन और कील वगैरा निकली।
उन्होंने कहा कि ये सब नगर निगम और अन्य विभागों के अधिकारियों की नाकामी है। सड़कों पर ही कूड़ा फेंका जा रहा है। एक बार मैंने ईको ग्रीन कंपनी की गाड़ी को सड़क पर कूड़ा डालते पकड़ा भी था। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी नहीं नरक सिटी कहा जाने लगा है और इसके जिम्मेदार कुछ अधिकारी हैं जो कागजी दावे करते हैं और कामकाज नहीं करते। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का घोटाला मैंने पहले ही उठाया था जब सेक्टर 7/8 की बाजार के शौचालय को मैंने कई महीने तक बंद देखा था। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। शहर पर भ्रष्टाचारी हावी हैं।