जिनेवा: आतंकवाद (Terrorism) सहित कई मुद्दों मुद्दे पर भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में एक बार फिर पड़ोसी पाकिस्तान (Pakistan) को जमकर लताड़ लगाई. UNHRC द्वारा घोषित और खूंखार आतंकियों को पेंशन देने और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने पर इस्लामाबाद को घेरते हुए नई दिल्ली ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद को सहायता और बढ़ावा देने के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.
‘ध्यान भटकाना चाहता है Pak’
बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) के वक्तव्य पर जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे (Pawankumar Badhe) ने कहा कि यह खेद की बात है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ निराधार और गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाने के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि पाक ऐसा केवल देश में मानवाधिकारों की दयनीय स्थिति से परिषद का ध्यान हटाने के लिए कर रहा है.
Forced Conversions पर जताई चिंता
पवन कुमार बाधे ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को उनकी लगातार कम होती आबादी से समझा जा सकता है. वहां जबरन धर्म परिवर्तन रोजाना की घटना हो गई है. उन्होंने कहा कि हमने धार्मिक अल्पसंख्यकों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण, दुष्कर्म, जबरन धर्म परिवर्तन और शादी की अनगिनत खबरें देखी हैं. पाकिस्तान में हर साल धार्मिक अल्पसंख्यकों की 1,000 से अधिक लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है.
Minorities पर दिखाया आइना
भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आगे बाधे ने कहा कि ईशनिंदा कानूनों, जबरन धर्मांतरण, हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न और न्यायिक हत्या पाकिस्तान में आम बात हो गई है. पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पवित्र और प्राचीन स्थलों पर हमला किया जाता है और तोड़फोड़ की जाती है. पाक इन घटनाओं को छिपाने के लिए ही भारत के खिलाफ निराधार और गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाता है.
Journalists के शोषण पर भी घेरा
बाधे ने पाकिस्तान में पत्रकारों की स्थिति पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता करने के लिहाज से पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल होने का गौरव हासिल है. यहां पत्रकारों को धमकाया जाता है, डराया जाता है, खबरों का प्रसारण या प्रकाशन करने से रोक दिया जाता है, उनका अपहरण कर लिया जाता है और कुछ मामलों में तो हत्या भी कर दी जाती है. इसके कई उदाहरण हमारे सामने आ चुके हैं.